सुनामी से बचाने के लिए 'इंडियन सुनामी अर्ली वार्निंग सिस्टम' से 28 देशों पर रखी जा रही नजर
भारत समेत दक्षिण-पश्चिम एशिया के 28 छोटे-बड़े देशों को सुनामी से बचाने के लिए ‘इंडियन सुनामी अर्ली वार्निंग सिस्टम’ (आईटीईडब्ल्यूएस) पैनी नजर रखे हुए हैं। इसकी पूर्व जानकारी मिल सके, इसके लिए हिंद महासागर में जावा सुमात्रा से अंडमान निकोबार तक और अरब सागर में मकरान कोस्क तक 10 अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए गए हैं।
 

वैज्ञानिकों की टीम ‘ओसीन वॉटर प्रेशर रिकॉर्डर’ (ओडब्ल्यूपीआर) तकनीक से सुनामी पर 24 घंटे निगरानी करती है। उक्त जानकारी देश के जानेमाने भूकंप विज्ञानी प्रो. हर्ष कुमार गुप्ता ने दी। 

देहरादून में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर शुक्रवार को वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ  हिमालयन जियोलॉजी में आयोजित सेमिनार में वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो. गुप्ता ने 2004 में आई सुनामी से हुई तबाही की जानकारी दी। उन्होंने बताया वर्ष 2007 से वर्ष 2020 के बीच विश्व में 500 से अधिक भूकंप आए। जिनकी क्षमता रिक्टर स्केल पर सात से अधिक रही। लेकिन, इनसे सुनामी से अधिक तबाही नहीं हुई।


आईटीईडब्ल्यूएस की जानकारियां 100 फीसदी खरी उतरी



सुनामी पर आईटीईडब्ल्यूएस ने जो जानकारियां जुटाई वे 100 फीसदी खरी उतरी। इसकी और गहनता से मॉनीटरिंग की जा सके, इसके लिए ‘लैंड बेस्ड सीसमिक स्टेशन’ और ‘रडार बेस्ड कोस्टल मानीटरिंग स्टेशन’ लगाने होंगे।

भूकंप से होने वाली तबाही पर उन्होंने कहा कि इसका पूर्वानुमान मुश्किल है। ऐसे में इसके साथ रहना सीखना होगा। उन्होंने जोर दिया कि अस्पताल, पुलिस स्टेशन आदि भवनों को भूकंपरोधी बनाया जाए। देश में भूकंप को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। बहु मंजिलें भवन बनाने से पहले मिट्टी की सॉलिड लिक्विड फेक्शन की जांच जरूर कराई जानी चाहिए। स्कूली बच्चों को इससे बचाव के प्रति जागरूक करना होगा।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ  हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कलाचंद सांई ने कहा कि विज्ञान का अधिकतम इस्तेमाल मानवता की रक्षा और इसके विकास के लिए होना चाहिए। सर जेसी बोस, डॉ. सीवी रमन, डॉ. मेघनाथ साहा जैसे वैज्ञानिकों का उल्लेख करते हुए निदेशक साईं ने कहा कि इन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध की मदद से विश्व को नई दिशा मिली है। सेमिनार में संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. बीआर अरोरा, डॉ. मीना तिवारी, डॉ. वीसी ठाकुर आदि वैज्ञानिक व शोधार्थी उपस्थित रहे।